आज की भाग -दौड़
की जिंदगी
में हमारा
खान -पीन
व रहन
-सहन ऐसा
हो गया
है की हम अपनी
सेहत पर ध्यान नहीं
दे पाते
हैं जिस
कारण तरह
-तरह की बिमारियों की चपेट में
आने का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में
सेहत को बनाये रखने के लिए योग बहुत जरूरी है।
योग के माध्यम से शरीर को मानसिक और शरीरक तौर
पर तंदरुस्त
रखा जा सकता है।
योग एक प्राचीन भारतीय पद्धति है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम करता है। योग के द्वारा न सिर्फ बिमारियों का निदान किया जा सकता है बल्कि इसे अपनी जिंदगी में अपनाकर कई प्रकार की शरीरक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। ये हमारी रोजमर्रा की जिंदगी के लिए बहुत जरूरी है। अब तो योग के प्रति लोगों का विश्वास इतना बढ़ चुका है के डॉक्टर भी अपने इलाज का हिस्सा मानने लगे हैं। उनका मानना है के दवा के साथ -साथ योग करना बहुत जरूरी है।
योग एक प्राचीन भारतीय पद्धति है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम करता है। योग के द्वारा न सिर्फ बिमारियों का निदान किया जा सकता है बल्कि इसे अपनी जिंदगी में अपनाकर कई प्रकार की शरीरक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। ये हमारी रोजमर्रा की जिंदगी के लिए बहुत जरूरी है। अब तो योग के प्रति लोगों का विश्वास इतना बढ़ चुका है के डॉक्टर भी अपने इलाज का हिस्सा मानने लगे हैं। उनका मानना है के दवा के साथ -साथ योग करना बहुत जरूरी है।
जिस प्रकार
मनुष्य को जीवित रहने
के लिए
भोजन, नींद,
नित्यकर्म एवं
उपासनाएं जरूरी
हैं, उसी
प्रकार सक्रिय,
प्रसन्नता भरा
जीवन जीने
के लिए जरूरी
है योग
करना। ऋषि
मुनियों ने गहरी साधना
व चिंतन
मन के आधार पर योग साधना
का पथ प्रशस्त किया।
इसका एक अंग आसन भी है।
आसनों के अभ्यास से नए जीवन
का अनुभव
होता है एवं पहले
की अपेक्षा
शक्ति का अनुभव किया
जा सकता
है। शारीरक,
मानसिक और अध्यात्मिक व्यक्तित्व
के विकास
में भी आसनों का विशेष महत्व
है। आसन
केवल एक व्यायाम ही नहीं बल्कि
एक पूरी
संस्कृति है।
इन फायदों
और उद्देश्यों
को ध्यान
में रखते
हुए हर वर्ष 21 जून
को योग
दिवस पूरे
विश्वभर में
मनाया जाता
है। जिससे
ज्यादा से ज्यादा लोगों
को योग
की महत्ता
से अवगत कराया जा सके और हर प्रकार
के तनाव
और बिमारियों
से मुक्त
कराया जा सके ।